Shri Kumarpal Raja Charitra
💠जिनशासन ने जिनको "परमार्हत " की पदवी दी है ।
💠जिनकी जीवदया की प्रशंसा श्रमण भगवान महावीर ने स्वयं समवसरण में श्रेणिक महाराजा के सामने की ।
💠कलिकाल सर्वज्ञ जैसे गुरु जिनको प्राप्त हुए
💠जिनको केवल 5 कोडी की पुष्प पूजा के कारण 18 देशों का आधिपत्य प्राप्त हुआ ।
💠जिन्होंने अपना जीवन तीर्थ रक्षा , जीव रक्षा , संस्कृति रक्षा से अलंकृत किया ।
💠जिन्होंने 18 देशों में जुगार एवं कतलखाने बंध करवाया इतना ही नहीं मार शब्द पर भी प्रतिबंध था ।
💠जिन्होंने अपने जीवन के उत्तरार्ध में उत्तम श्रावक जीवन जीया , इतना ही नहीं
💠बड़ी उम्र में धर्मा प्राप्ति के बाद जिन्होंने संस्कृत साहित्य की रचना भी की ।